Saturday, December 12, 2020

आखरी मुलाकात

दर्द इस बात का हमें ज़रूर है की वो हमसे रूठ कर चले गए,
लेकिन इससे ज्यादा दर्द इस बात का है की रुठनेकी वज़ह बताये बिना चले गए 

हम आज भी उनसे की हुई आखरी मुलाकात याद करते है,
जो कहा था, जो सुना था, लफ्ज़-ब-लफ्ज़ आज भी वो दोहराते है

हम ढूंढते है कंहा हमसे क्या गलती हुई,
क्या अनसुना कर दिया, कंहा ज्यादा कह गए

दिलमें उम्मीद लिए हम रोज़ उस चौराहे पर जाते है,
उनसे की हुई वो मुलाकात वंहा आज भी महसूस करते है

लाख कौशिश के बाद भी हम ढूंढ नहीं पाते हमारी गलती को,
तकदीर में इतना ही साथ लिखा होगा ये मान कर दिल बहलाते है

सोचते है उनकी भी कुछ अपनी मजबूरी होगी जो वो हमसे जुदा हो गए,
वरना ये उनकी फितरत नहीं की जो बेवज़ह वो हमसे रूठ कर चले गए।


आशिष महेता



Creative Commons License




Based on a work at http://www.gujjustuff.com/.

Permissions beyond the scope of this license may be available at http://www.gujjustuff.com/

No comments:

Post a Comment